PM Kisan 21st Installment Update: किसानों को नवंबर के पहले हफ्ते में भुगतान की उम्मीद, e-KYC और आधार सीडिंग ज़रूरी।
मुख्य बातें
- 21वीं किस्त की संभावित विंडो: नवंबर का पहला हफ्ता, आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं।
- बाढ़/भूस्खलन से प्रभावित राज्यों में किस्त पहले ही जारी: पंजाब, हरियाणा, हिमाचल (26 सितंबर), जम्मू-कश्मीर (7 अक्टूबर)।
- मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में भी पूर्व-स्वीकृत योजनाओं के भुगतान जारी रह सकते हैं; नई घोषणा नहीं हो सकती।
- अनिवार्य शर्तें: e-KYC, आधार सीडिंग, बैंक अकाउंट लिंकिंग पूरी न होने पर भुगतान रोके जा सकते हैं।
क्या है ताज़ा अपडेट?
वित्तीय वर्ष 2025 की 21वीं किस्त को लेकर सरकारी हलकों में पहले नवंबर के पहले हफ्ते की खिड़की की चर्चा है, हालांकि केंद्र ने अभी आधिकारिक तारीख जारी नहीं की है। यह अनुमान बिहार विधानसभा चुनाव के चरणों से पहले की संभावित टाइमिंग पर आधारित है, पर इसे फिलहाल मीडिया-आधारित स्पेकुलेशन माना गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों से कहा है कि लाभार्थियों की सूची समय पर भेजने हेतु आधार सीडिंग, e-KYC और अन्य औपचारिकताओं को जल्द पूरा किया जाए, ताकि ट्रांसफर में देरी न हो। यही वजह है कि पूरे देश में पंजीकरण-प्रमाणीकरण अभियान तेज़ हुआ है और किसान आधार व खाते की डिटेल्स की मैचिंग करवा रहे हैं।
आंशिक भुगतान: किन राज्यों में किस्त मिल चुकी?
बाढ़ व भूस्खलन से प्रभावित राज्यों में 21वीं किस्त आंशिक रूप से पहले ही दी जा चुकी है। 26 सितंबर को पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसानों को अग्रिम राहत के तौर पर किस्त जारी की गई, जबकि 7 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के किसानों के खाते में भी राशि पहुँची। इससे संकेत मिलता है कि शेष राज्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रोलआउट नवंबर में हो सकता है।
- पंजाब, हरियाणा, हिमाचल: 26 सितंबर को 21वीं किस्त रिलीज़।
- जम्मू-कश्मीर: 7 अक्टूबर को 21वीं किस्त क्रेडिट।
MCC के बीच भुगतान संभव?
बिहार में आचार संहिता लागू होने के बावजूद PM-KISAN जैसी पूर्व-स्वीकृत योजना का भुगतान जारी रह सकता है। नियमों के मुताबिक नई योजनाओं की घोषणा पर रोक होती है, लेकिन पहले से चल रही योजनाओं के DBT भुगतान तकनीकी औपचारिकताएँ पूरी होने पर हो सकते हैं। इसलिए राज्यों-केंद्र के बीच डेटा वेरिफिकेशन और बैंक-लिंकिंग क्लियर होते ही क्रेडिट का रास्ता साफ है।
क्या-क्या अनिवार्य है ताकि किस्त न रुके?
कृषि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों का e-KYC, आधार सीडिंग या बैंक अकाउंट लिंकिंग पूरी नहीं, उनकी 21वीं किस्त अटक सकती है। लाभार्थी पोर्टल पर OTP-आधारित e-KYC उपलब्ध है; आधार-लिंक्ड मोबाइल होने से प्रक्रिया तेज़ होती है। राज्य सरकारों को अपडेटेड, सत्यापित लाभार्थी सूची भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
- e-KYC अनिवार्य: पोर्टल पर OTP-आधारित सुविधा सक्रिय।
- आधार सीडिंग व बैंक लिंकिंग: DBT क्रेडिट के लिए जरूरी।
- राज्य-स्तरीय सत्यापन: लाभार्थी सूची का समय पर अपलोड।
बैकग्राउंड और आंकड़े
PM-KISAN फरवरी 2019 में शुरू हुई केंद्र की DBT योजना है, जिसके तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये तीन बराबर किस्तों में दिए जाते हैं। 20वीं किस्त अगस्त 2025 में जारी हुई थी, जिसके बाद चार माह के चक्र के अनुसार 21वीं किस्त अक्टूबर-नवंबर विंडो में अपेक्षित मानी जा रही है। पात्रता, रिकॉर्ड-संशोधन और तकनीकी औपचारिकताओं के कारण कई बार क्रेडिट शेड्यूल राज्यों के हिसाब से चरणबद्ध हो जाता है।
कैसे पता करें स्टेटस?
- पोर्टल पर e-KYC स्थिति और लाभार्थी स्टेटस देखें; आधार-लिंक्ड मोबाइल से OTP वेरिफिकेशन करें।
- यदि नाम/खाता विवरण में त्रुटि है तो ग्राम/तहसील स्तर पर सुधार करवाएँ, ताकि राज्य से केंद्र को भेजी सूची में आपका रिकॉर्ड सही जाए।
FAQs
- 21वीं किस्त कब आएगी?
पहले हफ्ते नवंबर की चर्चा है, पर आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं हुई; प्रभावित राज्यों में आंशिक भुगतान हो चुका है। - क्या आचार संहिता की वजह से भुगतान रुकेगा?
पूर्व-स्वीकृत योजनाओं का DBT भुगतान जारी रह सकता है; नई घोषणाएँ नहीं की जा सकतीं। - किस वजह से किस्त रुक सकती है?
e-KYC अधूरा होना, आधार सीडिंग न होना, या DBT-सक्षम बैंक लिंकिंग में कमी होने पर भुगतान अटक सकता है। - स्टेटस और e-KYC कैसे करें?
PM-KISAN पोर्टल पर OTP-आधारित e-KYC करें और लाभार्थी स्थिति चेक करें; आधार-लिंक्ड मोबाइल से प्रक्रिया आसान होती है।